Tuesday, November 23, 2010

बदनाम हुए थे

बदनाम हुए थे जिनके लिए वर्षो पहिले
आज वो चेहरा फिर यद् आ गया
रख लिया था पत्थर दिल पर वर्षो पहिले
आज फिर किसी ने पत्थर हटा दिया
इ जान-एय-जिगर हम तो मार गये थे वर्षो पहिले
आज तुमने वापिस क्यों ज़गा दिया
जी रहे थे ज़िन्दगी-एय-पीरी वर्षो से हम
आज तुने फिर से अहदे-शबाब क्यों भर दिया।

Monday, November 22, 2010

ख़ामोशी से प्यार

तुम सालो साल खामोश रही
तुमी नहीं मालूम हमे ख़ामोशी से ही प्यार है।
तुमने मन-ही-मन मे दी होगी बद दुआये
तुमी क्या पता हमे बद-दुआओ की आदत है।
शायद तुमे इंतजार होगा इज्रार -- मोहबत का
पर हमे इज्रार --मोहबत करना ही नहीं आया।