Saturday, February 26, 2011

विदेश में नौकरी और आजीविका (Vedic astrology and livelihood from a job in a foreign country)


by Mahendra Kumar Purohit on Wednesday, February 2, 2011 at 3:48pm

ख्वाहिश यही होती है कि वह विदेश जाकर खूब कमाएं. लेकिन, विदेश जाने का अवसर मिलेगा अथवा नहीं यह आपकी किस्मत पर निर्भर करता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुण्डली में ग्रहों की स्थिति एवं योग यह तय करते हैं कि वह विदेश जाएगा या नहीं. अगर विदेश यात्रा के योग बलशाली नहीं हैं तो व्यक्ति के विदेश जाने की संभावना कम रहती है. जिनकी कुण्डली में विदेश यात्रा के योग कमज़ोर होते हैं उन्हें विदेश में वह सफलता नहीं मिलती है जिनकी ख्वाहिश वह रखते हैं.

विदेश में जाकर धन कमाने के योग (Yogas for job in a foreign country)

ज्योतिषशास्त्र में विदेश यात्रा या यूं कहिए विदेश जाकर धन कमाने के लिए कुछ ग्रह स्थितियों का उल्लेख किया गया है. कुण्डली में ग्रह स्थितियों की जांच करके यह पता किया जा सकता है कि आपको विदेश जाने का मौका मिलेगा या नहीं हैं. ज्योतिष के नियम के मुताबिक दूसरे भाव का स्वामी विदेश भाव यानी बारहवें घर में होने पर व्यक्ति अपने जन्म स्थान से दूर जाकर अपनी प्रतिभा से कामयाबी प्राप्त करता है (The lord of the second house gives migration to foreign land if it is in the twelfth house). यही स्थिति तब भी बनती है जब तीसरे घर का मालिक अर्थात तृतीयेश द्वादश स्थान में होता है.

कुण्डली के बारहवें घर में पाचवें घर का स्वामी बैठा है तो इसे भी विदेष यात्रा का योग बनता है. पंचम भाव में तृतीयेश अथवा द्वादशेश बैठा हो एवं बारहवें भाव में पंचमेश विराजमान है या फिर बारहवें या पांचवें भाव में इन ग्रहों की युति बन रही हो तो विदेश में धन कमाने की अच्छी संभावना रहती है. भग्य भाव का स्वामी जन्म कुण्डली में बारहवें घर में हो एवं दूसरे शुभ ग्रह नवम भाव को देख रहे हों तो जन्म स्थान की अपेक्षा विदेश में आजीविका की संभावना को बल मिलता है.

चतुर्थ अथवा बारहवें भाव में से किसी में चर राशि हो (A moveable sign placed in the fourth or the 12th house and conjunction of Moon and Sun in the tenth house) और चन्द्रमा से दशवें घर में सूर्य एवं शनि की युति हो तो विदेश जाकर धन कमाने के लिए यह योग भी काफी अच्छा माना जाता है. आपका जन्म मकर लग्न में हुआ है और लग्नेश शनि छठे भाव में बैठा है तो विदेश में जाकर धन कमा सकते हैं अथवा विदेशी स्रोतों से धन का लाभ हो सकता है. इसी प्रकार का फल उन मेष लग्न वालों को मिलता है जिनकी कुण्डली में लग्नेश मंगल छठे घर में विराजमान होता है.

विदेश जाकर धन कमाने के लिए एक सुन्दर योग यह है कि शुक्र दूसरे घर में मेष, वृश्चिक, मकर, कुम्भ अथवा सिंह राशि में हो तथा बारहवें घर का स्वामी शुक्र के साथ युति अथवा दृष्टि सम्बन्ध बनाये. इनमें से कोई भी योग आपकी कुण्डली में बनता है तो विदेश जाने का आपको मौका मिल सकता है तथा विदेश में आप धन कमा सकते हैं.

विदेश यात्रा योग का फल (Judging the result of the yoga for foreign travel)

कुण्डली में विदेश यात्रा के योग होने पर भी जरूरी नहीं कि आपको विदेश जाने का अवसर मिलेगा. इस विषय में ज्योतिषीयों का मत है कि योग अगर कमज़ोर हैं तो विदेश में आजीविका की संभावना कम रहती है इस स्थिति में हो सकता है कि व्यक्ति अपने जन्म स्थान से दूर जाकर अपने ही देश में नौकरी अथवा कोई व्यवसाय करे.


1 comment:

  1. santosh pusadkar आप ने जो बताया सही है. आप को धन्यवाद करता हू .शुक्र की महादशा १३ ऑक्ट २००९ सुरु हो गायी है.कन्या लग्न कुंडली है. केतू दिव्तीय मै , शनी तृतीय ,गुरु पंचम बुध शुक्र.चंद्र सप्तम मै , रवी राहू अष्टम मै. मंगल नअवं मै है . कृपया मागदर्शन करे.

    ReplyDelete