Tuesday, November 23, 2010

बदनाम हुए थे

बदनाम हुए थे जिनके लिए वर्षो पहिले
आज वो चेहरा फिर यद् आ गया
रख लिया था पत्थर दिल पर वर्षो पहिले
आज फिर किसी ने पत्थर हटा दिया
इ जान-एय-जिगर हम तो मार गये थे वर्षो पहिले
आज तुमने वापिस क्यों ज़गा दिया
जी रहे थे ज़िन्दगी-एय-पीरी वर्षो से हम
आज तुने फिर से अहदे-शबाब क्यों भर दिया।

1 comment:

  1. Kyaa baat hai!
    Mera ye maananaa hai ki har ek ke saath aisaa hotaa hai.
    Bahut sundar..

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